इतनी भूख लगी है अम्मी? आओ मेरे साथ रहो
कितने बेर मिठाई कितनी? ले आऊँ एक बार कहो|
पेट भरेगा तेरा क्या इन तीन दिनों के राशन से
ऊब नहीं क्या होती तुमको ग़लत स्तोत्र के भाषण से ?
क्या इन तीन दिनों की पूजा, तीन दिनों का यह आह्लाद
हो सकता पर्याप्त मेटने संवत्सर भर का अवसाद ?
है त्यौहार तुम्हारी पूजा, भारत त्यौहारों का देश
तेरी मूर्ति विसर्जन करते ही न बचेगा कुछ अवशेष|
मैं न करूँगा पूजा अर्चन और विसर्जन उसके बाद
तुझे रखूँगा सदा ह्रदय मैं, नहीं करूँगा तनिक प्रमाद|
न मिले कोई करने बातें, मुझसे करो बात दिन-रात
इतनी कहो कथाएँ लम्बी आ जाये अरुणाभ प्रभात|
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