मेरी खता बिना बतलाये
मुझे अकेला छोड़ गए तुम
मुझे भ्रमित कर चौराहे पर
बदल राह किस मोड़ गए तुम
बदल राह किस मोड़ गए तुम
मन था अरमानों का मेला
झटके में सब तोड़ गए तुम
झटके में सब तोड़ गए तुम
बदला लेकर किस क़ुसूर का
तन मन प्राण मरोड़ गए तुम
तन मन प्राण मरोड़ गए तुम
इतनी जल्दी जाने की थी
रिश्ता ही क्यों जोड़ गए तुम
रिश्ता ही क्यों जोड़ गए तुम
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