रावण ने कहा, राम,
तुमने मुझे मार दिया
लेकिन मैं मरा नहीं
जी जाता हूं हर साल
तुम्हारे भक्त मुझे
फिर जला देते हैं
और मैं फिर आ जाता हूं
बारह महीने बाद।
तुम अंतर्यामी हो
तो जानते ही होंगे
मेरे भक्त अब भी
तेरे से अधिक हैं,
अनेकानेक
तेरे पाखंडी भक्त
तुम्हारी भक्ति की
ओढ़े हुए हैं खाल
मैं भी जानता हूं
उनके हृदय का हाल।
भौतिक अस्तित्व?
न मैं रहा न तुम रहे
भावनाओं की बात हो
तो मेरा साम्राज्य तेरे से बड़ा है।
और सुनो,
मेरे नाम पर पाखंड नहीं पलता
पाप से अर्जित तेल नहीं जलता।
इतना ही नहीं, यह भी सुनो
झगड़े की जड़ सीता को
मैंने कम ही यंत्रणा दी थी
तुम्हारे मुकाबले।
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