तुम मेरे सपनों में आए
लेकिन वह सपना लंबा था
टूट गया कुछ यादें देकर।
कल फिर तुम सपनों में आए
अपनी मैं कुछ बता रहा था
पर तुम को शायद जल्दी थी।
सोने जगने का क्रम शायद
उस मुहूर्त तक चला करेगा
जब तक सांसें रुकी नहीं हैं।
जब सो जाऊं चिरनिद्रा में
स्वप्निल आंखों में आ जाना
तब जाने की बात न करना।
ओ मेरे सपनों के साथी
मेरे ये सपने अपने हैं
ये तेरे मेरे सपने हैं।
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