अब तो मर जाने में गम नहीं, अफ़सोस नहीं
मौत जो भी हो तुम, अहद-फ़रामोश नहीं ।
जिंदगी एक बियाबां में सफ़र था लम्बा
ना मिला साथ तो औरों का कोई दोष नहीं ।
लम्बी तन्हाई जिया, अब तेरा साथ मिला
औरों से है कमतर तेरा आगोश नहीं ।
वो, जो नम आँखों से देख रहे हैं मुझको,
यार फ़रेबी हैं, मगर उन पै मेरा रोष नहीं ।
होश में सेज पै काँटों के जिया मैं ताउम्र
मैं बहुत खुश हूँ, मुझे अब रहेगा होश नहीं ।
अब तो मर जाने में गम नहीं, अफ़सोस नहीं
मौत जो भी हो तुम, अहद-फ़रामोश नहीं ।
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