शनिवार, 21 सितंबर 2019

वेद


जो कुछ जाना जा सकता है
किसी ने जाना था
कोई जानता है
या कि कोई जानेगा|
जो जाना कहा, या कहा नहीं
किसी ने सुना, या सुना नहीं
जो सुना लिखा, या लिखा नहीं
जो लिखा रखा, या रखा नहीं
जो रखा मिला, या मिला नहीं
जो मिला पढ़ा, या पढ़ा नहीं
जो पढ़ा बूझा, या रहा अनबूझा
वही वेद है, निस्सीम, चिरंतन, निर्द्वन्द्व|
संहिताओं में, देश में, भाषा में
धर्म में, कर्म में, वेद को मत बांधो|
वे तीन हैं या तैंतीस
चार या चालीस
गिनो मत, गिनाओ मत|
बिजली के तड़कने की कोई भाषा नहीं होती
रोशनी का कोई धर्म नहीं होता,
और न प्रकाश की किरणें
गिनी जाती हैं अँगुलियों पर|

बुधवार, 4 सितंबर 2019

तत्वज्ञान

उन्होंने कहा
पत्थर में आग है
लकड़ी में आग है
और तो और
पानी में आग है
पानी के अणु के परमाणुओं में
एटम बम बनाने का सारा मसाला है|
मैंने कहा, हाँ,
और सोचा कि अगर ज्ञानवार्ता
लम्बी चलानी है
तो चल जाये चाय का एक दौर|
मैं चाय बना लाने किचन में गया
[श्रीमती जी नैहर गयी हैं बच्चों के साथ]
केतली में दूध-पानी रखकर
ढूँढने लगा लाइटर कि गैस-स्टोव जला लूँ
बहुत ढूँढा, न मिला लाइटर, न मिली माचिस|
सोचा कि चलो, काठ में, पत्थर में
पानी तक में आग ही आग है|
लेकिन इनसे
स्टोव को न जलना था, न जला
देगची पड़ी रही गैस-स्टोव पर
दूध का घोल पड़ा रहा ठंढा|
उन्होंने एक बात और कही थी
कि सारा ज्ञान वेदों व उपनिषदों में है|
मैं डरता हूँ,
कि उस ज्ञान के भरोसे
कहीं चूल्हा ठंढा न रह जाये
और घर अंधार|