शनिवार, 21 सितंबर 2019

वेद


जो कुछ जाना जा सकता है
किसी ने जाना था
कोई जानता है
या कि कोई जानेगा|
जो जाना कहा, या कहा नहीं
किसी ने सुना, या सुना नहीं
जो सुना लिखा, या लिखा नहीं
जो लिखा रखा, या रखा नहीं
जो रखा मिला, या मिला नहीं
जो मिला पढ़ा, या पढ़ा नहीं
जो पढ़ा बूझा, या रहा अनबूझा
वही वेद है, निस्सीम, चिरंतन, निर्द्वन्द्व|
संहिताओं में, देश में, भाषा में
धर्म में, कर्म में, वेद को मत बांधो|
वे तीन हैं या तैंतीस
चार या चालीस
गिनो मत, गिनाओ मत|
बिजली के तड़कने की कोई भाषा नहीं होती
रोशनी का कोई धर्म नहीं होता,
और न प्रकाश की किरणें
गिनी जाती हैं अँगुलियों पर|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें